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मुहावरा | अर्थ |
कागजी घोड़े दौड़ाना | केवल लिखा-पढ़ी करना, पर कुछ काम की बात न होना (Keval Likha- Padhi Karna Par Kuch Kam Ki Bat Na Hona ) |
वाक्य में प्रयोग- | आजकल सरकारी दफ्तर में सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ते है; होता कुछ नही। |
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कान पर जूँ न रेंगना ( Kaan Par Joon Na Rengana) |
काँटा निकलना ( Kaanta Nikalana ) |
कसाई के खूँटे से बाँधना ( Kasaee Ke Khoonte Se Baandhana ) |
कौड़ियों के मोल बिकना ( Kaudiyon Ke Mol Bikana ) |
कायापलट होना ( Kaayaapalat Hona ) |
कौड़ी काम का न होना ( Kaudee Kaam Ka Na Hona) |
किसी के कंधे से बंदूक चलाना ( Kisee Ke Kandhe Se Bandook Chalaana ) |
किस मर्ज की दवा ( Kis Marj Kee Dava ) |
कौड़ी- कौड़ी दाँतों से पकड़ना ( Kaudee- Kaudee Daanton Se Pakadana ) |
काँटे बोना ( Kaante Bona ) |
कब्र में पाँव लटकना ( Kabr Mein Paanv Latakana ) |
कमर कसना ( Kamar Kasana ) |
खोपड़ी खाली होना ( Khopadee Khaalee Hona ) |
कोसों दूर भागना ( Koson Door Bhaagana ) |
काल के गाल में जाना ( Kaal Ke Gaal Mein Jaana ) |
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