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मुहावरा | अर्थ |
ककड़ी- खीरा समझना | तुच्छ या बेकार समझना (Tuchchh Ya Bekaar Samajhana) |
वाक्य में प्रयोग- | क्या तुमने मुझे ककड़ी-खीरा समझ रखा हैं, जो हर समय डाँटते रहते हो। |
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कौड़ी का तीन समझना ( Kaudee Ka Teen Samajhana) |
कानी कौड़ी न होना ( Kaanee Kaudee Na Hona ) |
कलेजा काँपना( Kaleja Kaanpana) |
खम खाना ( Kham Khaana) |
किसी के कंधे से बंदूक चलाना ( Kisee Ke Kandhe Se Bandook Chalaana ) |
कुआँ खोदना ( Kuaan Khodana ) |
कौड़ी काम का न होना ( Kaudee Kaam Ka Na Hona) |
खेल बिगाड़ना ( Khel Bigaadana ) |
कागजी घोड़े दौड़ाना ( Kaagajee Ghode Daudaana ) |
कटे पर नमक छिड़कना( Kate Par Namak Chhidakana) |
कमर सीधी करना ( Kamar Seedhee Karana ) |
कौड़ियों के मोल बिकना ( Kaudiyon Ke Mol Bikana ) |
कुत्ते की नींद सोना ( Kutte Kee Neend Sona ) |
काला अक्षर भैंस बराबर ( Kaala Akshar Bhains Baraabar) |
खून सफेद हो जाना ( Khoon Saphed Ho Jaana) |
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