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मुहावरा | अर्थ |
अत्र-जल उठना | रहने का संयोग न होना, मरना (Rahne Ka Sanyog Na Hona Marna) |
वाक्य में प्रयोग- | मालूम होता है कि तुम्हारा यहाँ से अत्र-जल उठ गया है, जो सबसे बिगाड़ किये रहते हो। |
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अँगूठा नचाना( Angootha Nachaana) |
आँख का तारा ( Aankh Ka Taara) |
और का और होना ( Aur Ka Aur Hona) |
आसमान पर चढ़ना ( Aasamaan Par Chadhana) |
आसमान पर मिजाज होना ( Aasamaan Par Mijaaj Hona) |
आखों में पानी होना ( Aakhon Mein Paanee Hona) |
अपनी डफली आप बजाना( Apanee Daphalee Aap Bajaana) |
अक्ल घास चरने जाना ( Akl Ghaas Charane Jaana) |
अक्ल का अजीर्ण होना ( Akl Ka Ajeern Hona) |
अन्धा होना ( Andha Hona) |
अंजर-पंजर ढीला होना ( Anjar Panjar Dheela Hona) |
आकाश का फूल होना ( Aakaash Ka Phool Hona) |
आग का पुतला( Aag Ka Putla) |
अक्ल के घोड़े दौड़ाना ( Akl Ke Ghode Daudaana) |
अरण्य चन्द्रिका( Arany Chandrika) |
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