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मुहावरा | अर्थ |
गाजर- मूली समझना | तुच्छ समझना (Tuchchh Samajhana) |
वाक्य में प्रयोग- | सेठ जी गाँठ के पूरे, आँख के अंधे हैं तभी रामू का कहना मानकर अनाड़ी मोहन को नौकरी पर रख लिया हैं। |
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गर्दन पर छुरी चलाना ( Gardan Par Chhuree Chalaana) |
घर का उजाला ( Ghar Ka Ujaala) |
गूँगे का गुड़ ( Goonge Ka Gud) |
घी- दूध की नदियाँ बहना ( Ghee- Doodh Kee Nadiyaan Bahana ) |
घाट- घाट का पानी पीना ( Ghaat- Ghaat Ka Paanee Peena ) |
गला फँसाना ( Gala Phansaana) |
गतालखाते में जाना( Gataalakhaate Mein Jaana) |
घर का मर्द( Ghar Ka Mard) |
गाल बजाना( Gaal Bajaana) |
घर का आदमी( Ghar Ka Aadamee) |
गज भर की छाती होना( Gadh Phatah Karana) |
घोलकर पी जाना ( Gholakar Pee Jaana) |
गला छूटना ( Gala Chhootana) |
गर्दन पर छुरी फेरना( Gardan Par Chhuree Pherana) |
गोबर गणेश( Gobar Ganesh) |
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