अ | आ | इ | उ | ए | ओ | अं | क | ख | ग | घ | च |
छ | ज | झ | ट | ड | त | थ | द | ध | न | प | फ |
ब | भ | म | य | र | ल | व | श | स | ह |
मुहावरा | अर्थ |
घी के दीए जलाना | अप्रत्याशित लाभ पर प्रसत्रता (Apratyaashit Laabh Par Prasatrata) |
वाक्य में प्रयोग- | जिससे तुम्हारी बराबर ठनती रही, वह बेचारा कल शाम कूच कर गया। अब क्या है, घी के दीये जलाओ। |
|
घाव हरा होना ( Ghaav Hara Hona) |
गुजर जाना ( Gujar Jaana) |
गर्दन पर सवार होना ( Gardan Par Savaar Hona) |
गिन- गिनकर पैर रखना( Gin- Ginakar Pair Rakhana) |
घर का आदमी( Ghar Ka Aadamee) |
घर में भुंजी भाँग न होना ( Ghar Mein Bhunjee Bhaang Na Hona) |
गला पकड़ना ( Gala Pakadana) |
गर्दन फँसना ( Gardan Phansana) |
गोटी लाल होना( Gotee Laal Hona) |
घर फूँककर तमाशा देखना ( Ghar Phoonkakar Tamaasha Dekhana) |
गला फाड़ना ( Gala Phaadana) |
गिरगिट की तरह रंग बदलना ( Giragit Kee Tarah Rang Badalana) |
घी के दीए जलाना ( Ghee Ke Deee Jalaana) |
घाव पर नमक छिड़कना ( Ghaav Par Namak Chhidakana) |
घात लगाना ( Ghaat Lagaana) |
|