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मुहावरा | अर्थ |
जीती मक्खी निगलना | जान- बूझकर गलत काम करना (Jaan- Boojhakar Galat Kaam Karana) |
वाक्य में प्रयोग- | अरे मित्र! तुम तो मुझे जीती मक्खी निगलने को कह रहे हो! मैं जान-बूझकर किसी का अहित नहीं कर सकता। |
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जौहर करना ( Jauhar Karana) |
झाँसे में आना ( Jhaanse Mein Aana) |
जमीन में समा जाना ( Jameen Mein Sama Jaana) |
जुल देना ( Jul Dena) |
जाल फेंकना ( Jaal Phenkana) |
जख्म पर नमक छिड़कना ( Jakhm Par Namak Chhidakana) |
जी खट्टा होना ( Jee Khatta Hona) |
जी चुराना( Jee Churaana) |
जल में रहकर मगर से बैर करना ( Jal Mein Rahakar Magar Se Bair Karana) |
जरा- सा मुँह निकल आना ( Jara- Sa Munh Nikal Aana ) |
झण्डी दिखाना ( Jhandee Dikhaana) |
जली- कटी सुनाना ( Jalee- Katee Sunaana ) |
जंगल में मंगल करना( Jangal Mein Mangal Karana) |
जमीन का पैरों तले से निकल जाना( Jameen Ka Pairon Tale Se Nikal Jaana) |
जूतियाँ चटकाना ( Jootiyaan Chatakaana) |
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