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मुहावरा | अर्थ |
दूर के ढोल सुहावने होना या लगना | दूर की वस्तु या व्यक्ति अच्छा लगना ( Door Kee Vastu Ya Vyakti Achchha Lagana) |
वाक्य में प्रयोग- | जब मैंने वैष्णो देवी जाने को कहा तो पिताजी बोले कि तुम्हें दूर के ढोल सुहावने लग रहे हैं, चढ़ाई चढ़ोगे तब मालूम पड़ेगा। |
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धरती पर पाँव न रखना( Dharatee Par Paanv Na Rakhana) |
दिन में तारे दिखाई देना ( Din Mein Taare Dikhaee Dena) |
दिनों का फेर होना( Dinon Ka Pher Hona) |
दूर्वासा का रूप( Doorvaasa Ka Roop) |
ढील देना ( Dheel Dena) |
दाँत जमाना( Daant Jamaana) |
दिन गँवाना ( Din Ganvaana) |
दाँत काटी रोटी होना ( Daant Kaatee Rotee Hona) |
धूल छानना( Dhool Chhaanana) |
डंके की चोट पर ( Danke Kee Chot Par) |
धता बताना( Dhata Bataana) |
दिमाग खाना या खाली करना ( Dimaag Khaana Ya Khaalee Karana) |
दरार पड़ना ( Daraar Padana) |
धोबी का कुत्ता घर का न घाट का ( Dhobee Ka Kutta Ghar Ka Na Ghaat Ka) |
ढाई ईंट की मस्जिद ( Dhaee Eent Kee Masjid) |
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