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मुहावरा | अर्थ |
दूर के ढोल सुहावने होना या लगना | दूर की वस्तु या व्यक्ति अच्छा लगना ( Door Kee Vastu Ya Vyakti Achchha Lagana) |
वाक्य में प्रयोग- | जब मैंने वैष्णो देवी जाने को कहा तो पिताजी बोले कि तुम्हें दूर के ढोल सुहावने लग रहे हैं, चढ़ाई चढ़ोगे तब मालूम पड़ेगा। |
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ढाई ईंट की मस्जिद ( Dhaee Eent Kee Masjid) |
दोनों हाथों में लड्डू होना ( Donon Haathon Mein Laddoo Hona) |
दो नावों पर पैर रखना/दो नावों पर सवार होना ( Do Naavon Par Pair RakhanaDo Naavon Par Savaar Hona) |
दूध के दाँत न टूटना( Doodh Ke Daant Na Tootana) |
दिन दूना रात चौगुना ( Din Doona Raat Chauguna) |
धुँआ सा मुँह होना( Dhuna Sa Munh Hona) |
दाँव खेगलना( Daanv Khelana) |
दसों उंगलियाँ घी में होना ( Dason Ungaliyaan Ghee Mein Hona) |
धूप में बाल सफेद करना ( Dhoop Mein Baal Saphed Karana) |
दाल में काला होना ( Daal Mein Kaala Hona) |
दाँत खट्टे करना ( Daant Khatte Karana) |
दाँत जमाना( Daant Jamaana) |
दिन में तारे दिखाई देना ( Din Mein Taare Dikhaee Dena) |
ढर्रे पर आना ( Dharre Par Aana) |
धूल छानना( Dhool Chhaanana) |
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