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मुहावरा | अर्थ |
दूर के ढोल सुहावने होना या लगना | दूर की वस्तु या व्यक्ति अच्छा लगना ( Door Kee Vastu Ya Vyakti Achchha Lagana) |
वाक्य में प्रयोग- | जब मैंने वैष्णो देवी जाने को कहा तो पिताजी बोले कि तुम्हें दूर के ढोल सुहावने लग रहे हैं, चढ़ाई चढ़ोगे तब मालूम पड़ेगा। |
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धूप में बाल सफेद करना ( Dhoop Mein Baal Saphed Karana) |
डोंड़ी पीटना ( Dondee Peetana) |
दौड़-धूप करना ( Daud-Dhoop Karana ) |
ढील देना ( Dheel Dena) |
ढलती-फिरती छाया ( Dhalatee- Phiratee Chhaaya ) |
दाँत पीसना ( Daant Peesana) |
डेढ़/ढाई चावल की खिचड़ी पकाना ( DedhDhaee Chaaval Kee Khichadee Pakaana) |
दुकान बढ़ाना( Dukaan Badhaana) |
दूर के ढोल सुहावने होना या लगना ( Door Ke Dhol Suhaavane Hona Ya Lagana) |
दिल का काला या खोटा ( Dil Ka Kaala Ya Khota) |
दरार पड़ना ( Daraar Padana) |
दिन दूना रात चौगुना ( Din Doona Raat Chauguna) |
बीड़ा उठाना ( Daayitv Lena) |
धोती ढीली होना( Dhotee Dheelee Hona) |
दिन-रात एक करना ( Din-Raat Ek Karana ) |
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