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मुहावरा | अर्थ |
न घर का रहना न घाट का | दोनों तरफ से उपेक्षित होना ( Donon Taraph Se Upekshit Hona) |
वाक्य में प्रयोग- | पढ़ाई छोड़ कर रोहन घर का रहा न घाट का, अब वह पछताता है। |
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नसीब चमकना( Naseeb Chamakana) |
नाक में नकेल डालना ( Naak Mein Nakel Daalana) |
नाक कट जाना ( Naak Kat Jaana) |
नमक-मिर्चा लगाना- ( Namak-Mircha Lagaana- ) |
नयनों का तारा ( Nayanon Ka Taara) |
नाक का बल होना ( Naak Ka Bal Hona) |
नाक रखना( Naak Rakhana) |
नजर पर चढ़ना ( Najar Par Chadhana) |
नाक में दम करना ( Naak Mein Dam Karana) |
निन्यानबे के फेर में पड़ना ( Ninyaanabe Ke Pher Mein Padana) |
नाम डुबोना ( Naam Dubona) |
नाक का बाल होना ( Naak Ka Baal Hona) |
नाक- भौं चढ़ाना ( Naak- Bhaun Chadhaana ) |
नाकों डीएम करना ( Naakon Deeem Karana) |
नीला-पीला होना ( Neela-Peela Hona ) |
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