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मुहावरा | अर्थ |
फुलझड़ी छोड़ना | कटाक्ष करना (Kataaksh Karana) |
वाक्य में प्रयोग- | गुप्ता जी तो कोई न कोई फुलझड़ी छोड़ते ही रहते हैं। |
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प्राणों पर खेलना ( Praanon Par Khelana) |
पानी - पानी होना ( Paanee - Paanee Hona ) |
फटे में पाँव देना ( Phate Mein Paanv Dena) |
पर्दाफाश होना ( Pardaaphaash Hona) |
पत्थर की लकीर ( Patthar Kee Lakeer) |
फूंक- फूंक कर कदम रखना( Phoonk- Phoonk Kar Kadam Rakhana) |
पर्दाफाश करना ( Pardaaphaash Karana) |
पल्ला झाड़ना ( Palla Jhaadana) |
पानी फिर जाना( Paanee Phir Jaana) |
परछाई से भी डरना ( Parachhaee Se Bhee Darana) |
पगड़ी उतारना ( Pagadee Utaarana) |
पोल खुलना( Pol Khulana) |
धीरज फूँककर पहाड़ उड़ाना चाहता है।( Phootee Aankhon Na Bhaana) |
प्राण हथेली पर लेना ( Praan Hathelee Par Lena) |
पानी उतारना ( Paanee Utaarana) |
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