Category: Tatsam |
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Question : खत्री का तत्सम रूप क्या है ? |
तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
क्षत्रिय | खत्री |
Kshatriy | Khatree |
Question : क्षत्रिय का तद्भव क्या है?
Answer : क्षत्रिय का तद्भव रूप खत्री है।
तत्सम शब्द क्या होते हैं?
तत्सम शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों, तत् + सम् से मिलकर बना है। जिसका मतलब होता है ज्यो का त्यों अर्थात संस्कृत के समान। जिसे हम संस्कृत से बिना कोई बदलाव करे उपयोग में लाते है, जिनकी ध्वनि में कोई परिवर्तन नहीं होता। इनका उच्चारण कठिन होता है। कोंकणी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, तेलुगू, कन्नड,हिंदी आदि काफी शब्द संस्कृत से लिए है।
Question :Kshatriy tatsam shabd kya hai?
Answer : Kshatriy ka tatsam roop Khatree hai
तद्भव शब्द क्या होते हैं?
तत्सम शब्दों में समय और परिस्थितियों के कारण कुछ परिवर्तन होने से जो शब्द बने हैं उन्हें तद्भव कहते हैं। तद्भव का शाब्दिक अर्थ है – उससे बने (तत् + भव = उससे उत्पन्न), अर्थात जो उससे (संस्कृत से) उत्पन्न हुए हैं। यहाँ पर तत् शब्द भी संस्कृत भाषा की ओर इंगित करता है। अर्थात जो संस्कृत से ही बने हैं। इन शब्दों की यात्रा संस्कृत से आरंभ होकर पालि, प्राकृत, अपभ्रंश भाषाओं के पड़ाव से होकर गुजरी है और आज तक चल रही है।
Likewise इसी तरह तत्सम शब्द जो देखे गए |