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मुहावरा | अर्थ |
सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना | कार्यारम्भ में विघ्न पड़ना (Kaaryaarambh Mein Vighn Padana) |
वाक्य में प्रयोग- | यदि मैं जानता कि सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ेंगे तो विवाह के नजदीक ही न जाता। |
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सिर खुजलाना ( sir Khujalaana) |
सेर को सवा सेर मिलना ( Ser Ko Sava Ser Milana) |
सिर से पैर तक ( Sir Se Pair Tak) |
साँप लोटना ( Saanp Lotana) |
सिर आँखों पर बिठाना ( Sir Aankhon Par Bithaana) |
सुबह का चिराग होना( Subah Ka Chiraag Hona) |
शेखी बघारना( Shekhee Baghaarana) |
सागपात समझना ( Saagapaat Samajhana) |
सिर फिर जाना ( Sir Phir Jaana) |
सिर खाली करना ( Sir Khaalee Karana) |
शंख के शंख रहना ( Shankh Ke Shankh Rahana) |
सीधी ऊँगली से घी न निकलना( Seedhee Oongalee Se Ghee Na Nikalana) |
समझ -अक्ल पर पत्थर पड़ना ( Samajh -Akl Par Patthar Padana ) |
सैकड़ों घड़े पानी पड़ना( Saikadon Ghade Paanee Padana) |
सरकारी मेहमान ( Sarakaaree Mehamaan) |
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