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मुहावरा | अर्थ |
कलई खुलना | भेद प्रकट होना (Bhed Prakat Hona ) |
वाक्य में प्रयोग- | जब सबके सामने रामू की कलई खुल गई तो वह बहुत लज्जित हुआ। |
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कागजी घोड़े दौड़ाना ( Kaagajee Ghode Daudaana ) |
खून सफेद हो जाना ( Khoon Saphed Ho Jaana) |
कड़वा घूँट पीना ( Kadava Ghoont Peena ) |
काटो तो खून नहीं ( Kaato To Khoon Nahin ) |
कलेजा काँपना( Kaleja Kaanpana) |
कौड़ी- कौड़ी दाँतों से पकड़ना ( Kaudee- Kaudee Daanton Se Pakadana ) |
काजल की कोठरी ( Kaajal Kee Kotharee ) |
कीचड़ उछालना ( Keechad Uchhaalana ) |
कोल्हू का बैल ( Kolhoo Ka Bail ) |
कागज की नाव ( Kaagaj Kee Naav ) |
किताब का कीड़ा होना ( Kitaab Ka Keeda Hona ) |
किला फतह करना ( Kila Phatah Karana ) |
खून का प्यासा ( Khoon Ka Pyaasa ) |
कौड़ी कफ़न को न होना ( Kaudee Kafan Ko Na Hona ) |
कान खोलना ( Kaan Kholana) |
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