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मुहावरा | अर्थ |
काजल की कोठरी | कलंक का स्थान (Kalank Ka Sthaan ) |
वाक्य में प्रयोग- | शराबघर तो काजल की कोठरी हैं, वहाँ मैं नहीं जाऊँगा। |
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कलेजा निकाल कर रख देना( Kaleja Nikaal Kar Rakh Dena) |
कान पर जूँ न रेंगना ( Kaan Par Joon Na Rengana) |
कदम उखड़ना ( Kadam Ukhadana ) |
कुम्भकर्णी नींद( Kumbhakarnee Neend) |
किसी के कंधे से बंदूक चलाना ( Kisee Ke Kandhe Se Bandook Chalaana ) |
ककड़ी- खीरा समझना ( Kakadee- Kheera Samajhana ) |
किसी के आगे दुम हिलाना ( Kisee Ke Aage Dum Hilaana ) |
कौड़ी- कौड़ी दाँतों से पकड़ना ( Kaudee- Kaudee Daanton Se Pakadana ) |
काठ में पाँव देना ( Kaath Mein Paanv Dena ) |
खून सूखना ( Khoon Sookhana) |
कान काटना ( Kaan Kaatana ) |
कान फूँकना या कान भरना( Kaan Phoonkana Ya Kaan Bharana ) |
खाई से निकलकर खंदक में कूदना ( Khaee Se Nikalakar Khandak Mein Koodana ) |
कपास ओटना ( Kapaas Otana) |
खटाई में पड़ना ( Khataee Mein Padana ) |
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