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मुहावरा | अर्थ |
खाने को दौड़ना | बहुत क्रोध में होना (Bahut Krodh Mein Hona ) |
वाक्य में प्रयोग- | मैं अपने ताऊजी के पास नहीं जाऊँगा, वे तो हर किसी को खाने को दौड़ते हैं। |
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कुम्भकर्णी नींद( Kumbhakarnee Neend) |
कलेजे पर साँप लोटना ( Kaleje Par Saanp Lotana ) |
काफूर हो जाना ( Kaaphoor Ho Jaana ) |
काले कोसों जाना या होना ( Kaale Koson Jaana Ya Hona ) |
कौड़ी के तीन- तीन होना ( Kaudee Ke Teen- Teen Hona ) |
कानों कान खबर होना( Kaanon Kaan Khabar Hona) |
कलेजे पर पत्थर रखना ( Kaleje Par Patthar Rakhana ) |
कलेजे का टुकड़ा ( Kaleje Ka Tukada ) |
कसाई के खूँटे से बाँधना ( Kasaee Ke Khoonte Se Baandhana ) |
कौड़ी को न पूछना ( Kaudee Ko Na Poochhana ) |
कागजी घोड़े दौड़ाना ( Kaagajee Ghode Daudaana ) |
कान में तेल डालना ( Kaan Mein Tel Daalana) |
खाई से निकलकर खंदक में कूदना ( Khaee Se Nikalakar Khandak Mein Koodana ) |
कलेजा दूना होना ( Kaleja Doona Hona ) |
कान भरना ( Kaan Bharana) |
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