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मुहावरा | अर्थ |
कतरनी- सी जबान चलना | बहुत बोलना (Bahut Bolana ) |
वाक्य में प्रयोग- | अनुपम की कतरनी सी जबान चलती हैं तभी उससे कोई नहीं बोलता। |
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खून के आँसू रोना ( Khoon Ke Aansoo Rona ) |
किस खेत की मूली ( Kis Khet Kee Moolee ) |
कलेजे से लगाना( Kaleje Se Lagaana) |
खोपड़ी खाली होना ( Khopadee Khaalee Hona ) |
खून खौलना ( Khoon Khaulana ) |
कोसों दूर भागना ( Koson Door Bhaagana ) |
खाई से निकलकर खंदक में कूदना ( Khaee Se Nikalakar Khandak Mein Koodana ) |
काठ का उल्लू ( Kaath Ka Ulloo ) |
खोपड़ी गंजी करना ( Khopadee Ganjee Karana ) |
ख़ाक छानना ( Khaak Chhaanana ) |
किला फतह करना ( Kila Phatah Karana ) |
खाने को दौड़ना ( Khaane Ko Daudana ) |
खूँटे के बल कूदना ( Khoonte Ke Bal Koodana) |
खेल बिगाड़ना ( Khel Bigaadana ) |
कान में तेल डालना ( Kaan Mein Tel Daalana) |
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