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मुहावरा | अर्थ |
कलई खुलना | भेद प्रकट होना (Bhed Prakat Hona ) |
वाक्य में प्रयोग- | जब सबके सामने रामू की कलई खुल गई तो वह बहुत लज्जित हुआ। |
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खाना न पचना ( Khaana Na Pachana ) |
काला अक्षर भैंस बराबर ( Kaala Akshar Bhains Baraabar) |
काँटा निकलना ( Kaanta Nikalana ) |
कढ़ी का- सा उबाल आना ( Kadhee Ka- Sa Ubaal Aana ) |
खून का प्यासा ( Khoon Ka Pyaasa ) |
काटो तो खून नहीं ( Kaato To Khoon Nahin ) |
कुम्भकर्णी नींद( Kumbhakarnee Neend) |
खीरे- ककड़ी की तरह काटना ( Kheere- Kakadee Kee Tarah Kaatana ) |
कतरनी- सी जबान चलना ( Kataranee- See Jabaan Chalana ) |
कलेजा ठंढा होना( Kaleja Thandha Hona) |
किस मर्ज की दवा ( Kis Marj Kee Dava ) |
कोहराम मचाना ( Koharaam Machaana) |
कान खोलना ( Kaan Kholana ) |
कबाब होना ( Kabaab Hona ) |
काम तमाम करना ( Kaam Tamaam Karana) |
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