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मुहावरा | अर्थ |
कलई खुलना | भेद प्रकट होना (Bhed Prakat Hona ) |
वाक्य में प्रयोग- | जब सबके सामने रामू की कलई खुल गई तो वह बहुत लज्जित हुआ। |
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कसक निकलना ( Kasak Nikalana ) |
कर्ण का दान( Karn Ka Daan) |
ख़ाक छानना ( Khaak Chhaanana ) |
खार खाना ( Khaar Khaana ) |
कोल्हू का बैल ( Kolhoo Ka Bail) |
कान फूँकना या कान भरना( Kaan Phoonkana Ya Kaan Bharana ) |
खटिया सेना ( Khatiya Sena) |
काठ मार जाना ( Kaath Maar Jaana ) |
किसी के कंधे से बंदूक चलाना ( Kisee Ke Kandhe Se Bandook Chalaana ) |
करवटें बदलना ( Karavaten Badalana) |
कोसों दूर भागना ( Koson Door Bhaagana ) |
कफ़न को कौड़ी न होना ( Kafan Ko Kaudee Na Hona) |
खून सवार होना ( Khoon Savaar Hona ) |
कौड़ी के तीन- तीन होना ( Kaudee Ke Teen- Teen Hona ) |
क्रोध पी जाना ( Krodh Pee Jaana ) |
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