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मुहावरा | अर्थ |
कान या कानों पर जूँ न रेंगना | किसी की बात पर ध्यान न देना (Kisee Kee Baat Par Dhyaan Na Dena ) |
वाक्य में प्रयोग- | मैं चीख-चीख कर हार गया, पर मोहन के कान पर जूँ नहीं रेंगा। |
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किला फतह करना ( Kila Phatah Karana ) |
ख़ाक छानना ( Khaak Chhaanana ) |
कान काटना ( Kaan Kaatana ) |
खेल बिगाड़ना ( Khel Bigaadana ) |
कलेजा ठंढा होना( Kaleja Thandha Hona) |
कोल्हू का बैल ( Kolhoo Ka Bail) |
कान खोलना ( Kaan Kholana ) |
कसक निकलना ( Kasak Nikalana ) |
खून सूखना ( Khoon Sookhana) |
कलेजा दूना होना ( Kaleja Doona Hona ) |
कंठ का हार होना ( Kanth Ka Haar Hona ) |
कलेजे पर छुरी चलना ( Kaleje Par Chhuree Chalana ) |
कलेजा पसीजना ( Kaleja Paseejana ) |
कलेजा काँपना( Kaleja Kaanpana) |
काला अक्षर भैंस बराबर ( Kaala Akshar Bhains Baraabar) |
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