अ | आ | इ | उ | ए | ओ | अं | क | ख | ग | घ | च |
छ | ज | झ | ट | ड | त | थ | द | ध | न | प | फ |
ब | भ | म | य | र | ल | व | श | स | ह |
मुहावरा | अर्थ |
गूँगे का गुड़ | वर्णनातीत अर्थात जिसका वर्णन न किया जा सके (Varnanaateet Arthaat Jisaka Varnan Na Kiya Ja Sake) |
वाक्य में प्रयोग- | दादाजी कहते हैं कि ईश्वर के ध्यान में जो आनंद मिलता है, वह तो गूँगे का गुड़ है। |
|
घातपर चढ़ना( Ghaatapar Chadhana) |
गंगा नहाना ( Ganga Nahaana) |
गले न उतरना ( Gale Na Utarana) |
गाजर- मूली समझना( Gaajar- Moolee Samajhana) |
गीदड़भभकी( Geedadabhabhakee) |
घड़ो पानी पड़ जाना ( Ghado Paanee Pad Jaana) |
घी- दूध की नदियाँ बहना ( Ghee- Doodh Kee Nadiyaan Bahana ) |
घर में भुंजी भाँग न होना ( Ghar Mein Bhunjee Bhaang Na Hona) |
घोड़े पर सवार होना ( Ghode Par Savaar Hona) |
गर्दन फँसना ( Gardan Phansana) |
गोबर गणेश( Gobar Ganesh) |
गुरू घंटाल( Guroo Ghantaal) |
गतालखाते में जाना( Gataalakhaate Mein Jaana) |
गरम होना ( Garam Hona) |
घर का बोझ उठाना ( Ghar Ka Bojh Uthaana) |
|