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मुहावरा | अर्थ |
ककड़ी- खीरा समझना | तुच्छ या बेकार समझना (Tuchchh Ya Bekaar Samajhana) |
वाक्य में प्रयोग- | क्या तुमने मुझे ककड़ी-खीरा समझ रखा हैं, जो हर समय डाँटते रहते हो। |
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कड़वा घूँट पीना ( Kadava Ghoont Peena ) |
खोपड़ी खाली होना ( Khopadee Khaalee Hona ) |
कान काटना ( Kaan Kaatana ) |
कलेजा टुकड़े- टुकड़े होना ( Kaleja Tukade- Tukade Hona ) |
कढ़ी का- सा उबाल आना ( Kadhee Ka- Sa Ubaal Aana ) |
काँव- काँव करना ( Kaanv- Kaanv Karana ) |
कानों में ऊँगली देना( Kaanon Mein Oongalee Dena) |
कलेजे पर साँप लोटना ( Kaleje Par Saanp Lotana ) |
कलई खुलना ( Kalee Khulana ) |
कान खोलना ( Kaan Kholana) |
कान गर्म करना ( Kaan Garm Karana ) |
खून के आँसू रोना ( Khoon Ke Aansoo Rona ) |
कतरनी- सी जबान चलना ( Kataranee- See Jabaan Chalana ) |
कलेजा पसीजना ( Kaleja Paseejana ) |
कान में तेल डालना ( Kaan Mein Tel Daalana) |
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