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मुहावरा | अर्थ |
अत्र-जल उठना | रहने का संयोग न होना, मरना (Rahne Ka Sanyog Na Hona Marna) |
वाक्य में प्रयोग- | मालूम होता है कि तुम्हारा यहाँ से अत्र-जल उठ गया है, जो सबसे बिगाड़ किये रहते हो। |
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अरमान निकालना( Aramaan Nikaalana) |
अंधे को दो आँखें मिलना ( Andhe Ko Do Aankhen Milana) |
आग हो जाना ( Aag Ho Jaana) |
अंतड़ियों के बल खोलना ( Antadiyon Ke Bal Kholana) |
अक्ल ठिकाने लगना ( Akl Thikaane Lagana) |
आँच न आने देना ( Aanch Na Aane Dena) |
अँगूठा नचाना( Angootha Nachaana) |
आँखें चार होना ( Aankhen Chaar Hona) |
आग में कूद पड़ना ( Aag Mein Kood Padana) |
आटे- दाल का भाव मालूम होना( Aate- Daal Ka Bhaav Maaloom Hona) |
आँख दिखाना( Aankh Dikhaana) |
आकाश- पाताल एक करना( Aakaash- Paataal Ek Karana) |
आँखें फेर लेना ( Aankhen Pher Lena) |
आँख का तारा ( Aankh Ka Taara) |
अंग में अंग चुराना( Ang Mein Ang Churaana) |
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